आनंदनगर के रास्ते गोरखपुर से बढ़नी तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलेंगी। शोहरतगढ़ से बढ़नी तक विद्युतीकरण पूरा हो गया है। जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य इलेक्ट्रिक इंजीनियर (पीसीईई) गोरखपुर से बढ़नी रेलमार्ग का निरीक्षण करेंगे। बढ़नी से सुभागपुर तक विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है। दिसंबर तक कार्य पूरा हो जाएगा। नए साल में गोरखपुर-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा रूट पर भी इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
बढ़नी से सुभागपुर तक का विद्युतीकरण दिसम्बर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य
गोरखपुर से आनंदनगर के रास्ते शोहरतगढ़ तक तथा सुभागपुर से गोंडा तक विद्युतीकरण हो चुका है। बढ़नी से सुभागपुर तक का विद्युतीकरण दिसम्बर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है। बढ़नी से सुभागपुर तक का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो जाने से गोंडा से गोरखपुर के लिए विद्युत लोको द्वारा ट्रेनों का संचालन सुगमतापूर्वक किया जा सकेगा।
ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड, डीजल की बचत भी होगी
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार विद्युत लोको के चलने से डीजल की बचत के साथ ट्रेनों की गति बढ़ेगी। पर्यावरण संरक्षण भी होगा। इसके अलावा सभी रेलवे स्टेशनों को 24 घंटे पावर सप्लाई मिलती रहेगी। सिग्नल एवं अन्य जरूरी कार्यों के लिए अतिरिक्त विद्युत जनरेटर का उपयोग कम होने से डीजल की बचत होगी।
अगले वर्ष सभी रेलमार्गों पर चलने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें
अगले वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे के सभी मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। 31 मार्च 2022 तक पूर्वोत्तर रेलवे की बड़ी लाइन के 2797 रूट किमी रेलमार्ग पर लगभग 87 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा हो गया था। शेष नौ माह में करीब 368 रूट किमी रेलमार्ग पर 13 प्रतिशत कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। लगभग 90 प्रतिशत रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। रेल मंत्रालय ने वर्ष 2023 तक भारतीय रेलवे के सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।