लोगों को लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का बेसब्री से इंतजार है लेकिन अभी हाल ही में इस एक्सप्रेस-वे पर एक बाधा सामने आ रही है. निर्माण कंपनी को एक्सप्रेस वे बनाने के लिए बैंक से लोन लेकर आगे का काम करना होगा,क्याेंकि एनएचएआइ निर्माण करने वाली एजेंसी को सिर्फ 40 % ही कम्पनी को धन उपलब्ध करायेगी। बाकी एक्सप्रेसवे को बनाने में जितनी भी धन की आवश्यकता होगी उसी कंपनी को बैंक से लोन लेना पड़ेगा.
आपको बता दें कि इस एक्सप्रेस-वे को 6लेन का बनाया जाएगा और इसके लिए डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यात्रियों को आने-जाने में काफी ज्यादा सुविधा होगी. आने-जाने के समय में लगभग 1 से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है और इसके साथ ही यात्रियों को जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन इस एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद यात्री लखनऊ से कानपुर का सफर सिर्फ 45 मिनट में ही पूरा कर पाएंगे.
अभी तक हमीरपुर-सागर हाईवे से लखनऊ की ओर जाने वाले वाहनों को नौबस्ता स्थित जाम में फंसना पड़ता है। इसके बाद चकेरी-भौंती एलिवेटेड रोड की रैंप में चढ़कर लखनऊ की तरफ जा रहे हैं। इस रास्ते से लखनऊ तक पहुंचने में दो घंटे तक का समय लग जाता है। एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 20 अक्टूबर तक एनएचएआइ की ओर से टेंडर आमंत्रित किये गये हैं।
इस परियोजना के निर्देशक ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण हाइब्रिड मोड में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें 40% धन 8 किस्तों में निर्माण एजेंसी को दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यात्रियों को यात्रा में बहुत ही ज्यादा सुविधा होने लगेगी.