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अब उत्तर प्रदेश में बढ़ जाएगी ट्रेनों की गति,रेलवे जल्द खत्म करेगा अंग्रेजों की टोकन व्यवस्था,जानिए क्या है टोकन व्यवस्था?

रेलवे जल्दी अंग्रेजों के टोकन व्यवस्था को खत्म करने वाला है और इसके लिए बजट में ₹800000000 का प्रावधान भी किया गया है। इसके स्थान आप्टिकल फाइबर द्वारा संचालित होने वाला यूनिवर्सल सेल्फ स्टूमेंट ब्लाक लगा जाएगा। अंग्रेजो के द्वारा लगाए गए टोकन से ट्रेनों को चलाना बंद कर दिया जाएगा।

भारतीय रेलवे आत्मनिर्भर होते जा रही है और अधिकांश स्टेशनों पर देश में निर्मित तकनीकों के द्वारा ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।मुरादाबाद रेल मंडल क नजीबाबाद से कोटद्वार और बालामऊ-सीतापुर-उन्नाव रेल मार्ग पर अभी भी अंग्रेज के टोकन सिस्टम से ट्रेनों का संचालन किया जाता है।

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इन रास्तों पर ट्रेन चालकों को सिग्नल देखकर नहीं चलना पड़ता था बल्कि स्टेशन मास्टर के द्वारा टोकन देने के बाद ही ट्रेन चलाया जाता था।जिससे स्टेशन पर ट्रेनों का स्टापेज नहीं है, वहां चलती ट्रेन से चालक को टोकन लेना पड़ता है। टोकन लेने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर विशेष व्यवस्था होती है।

आपको बता दें कि मुरादाबाद रेल मंडल के नजीबाबाद से कोटद्वार और बालामऊ सीतापुर उन्नाव रेल मार्ग पर पुराने रेल लाइन स्लीपर हटा के अब इलेक्ट्रिक इंजन चलाया जा रहा है जिससे ट्रेनों की गति भी बढ़ी है।

दोनों मार्गों पर टोकन सिस्टम से ट्रेन संचालन किया जाता है, इसके कारण इस मार्ग पर ट्रेनों को आज भी 50 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जा रहा है। आपको बता दें कि इन दोनों रेल मार्गों पर ट्रेनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लिए ट्रायल किया जा चुका है। फरवरी में जो बजट पास हुआ उसमें टोकन सिस्टम को हटाने के लिए कवायद शुरू कर दिया गया है।

आपको बता दें कि टोकन सिस्टम में आप्टिकल फाइबर केबिल द्वारा किया जाता है, जिससे सभी सिग्नल जुड़ा होता है। इसके बाद स्टेशन मास्टर टोकन देने के बजाय सिग्नल देकर ट्रेनों का संचालन करेगा। यह कार्य मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। जैसे ही टोकन सिस्टम खत्म हो जाएगा ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी।

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