आने वाले समय में आपको एक बार फिर से महंगाई का झटका लगने वाला है क्योंकि आने वाले समय में एक बार फिर से बिजली महंगी होने वाली है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में लगभग 76 मिलियन टन कोयले के आयात की योजना बनाई है।
नींद के द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के अनुसार आयातित कोयले की ऊंची लागत की वजह से देश में बिजली 50% से लेकर 80 पैसे तक महंगी हो सकती है।
कोयले का आयात: चालू वित्त वर्ष में लगभग 76 मिलियन टन कोयले के आयात की योजना है। इस दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) बिजली स्टेशनों को आपूर्ति के लिए 15 मिलियन टन का आयात करेगी। वहीं दूसरी तरफ सबसे बड़ी बिजली उत्पादक एनटीपीसी लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम 23 मिलियन टन आयातित करेंगे।
इसके अलावा राज्य उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने वर्ष के दौरान 38 मिलियन टन कोयने के आयात की योजना बनाई है। सूत्रों की माने तो कोरोनावायरस के बाद बिजली की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और बिजली की मांग बढ़ने से एक बार फिर से बिजली बिल बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। महंगाई बढ़ने से जनता को एक बार फिर से परेशान होना पड़ेगा क्योंकि एक तरफ जहां बिजली बिल का दाम बढ़ेगा वहीं दूसरी तरफ एलपीजी गैस सिलेंडर और कई तरह के उत्पादों के दाम में भी काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।