उत्तर प्रदेश में कोयला आपूर्ति की कमी के कारण बिजली का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है.आपको बता दें कि यहां बिजली उत्पादन 5 मेगा वाट तक अभी के समय में कम हो गया है.
शहर से लेकर गांव तक 2 से 4 घंटे की बिजली में कटौती हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर जल्द ही कोयले की आपूर्ति नहीं बढ़ी तो बिजली संकट बड़े शहरों में भी गहरा जाएगा.
बता दे की कोयले की खदानों में पानी भरने से राज्य के तापीय बिजली घरों को भी कोयले की आपूर्ति प्रभावित हो गयी है। कोयला उत्पादन से उत्तर प्रदेश में बिजली की समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. कोयला खत्म होने के कारण कई यूनिट जहां बंद कर दी गई है वहीं अन्य अन्य न्यूनतम 55 फीसद क्षमता पर चलाई जा रही हैं। पूरे प्रदेश में लगभग 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन घट गया है.
एक तरफ जहां उमस भरी गर्मी से लोग परेशान है वहीं दूसरी तरफ बिजली की समस्या गहरा दी जा रही है. लोगों को इस कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही लोगों को इस परेशानियों से छुटकारा दिया जाएगा. जल्द ही बिजली आपूर्ति ठीक किया जाएगा.
कोयले के संकट से बिजली आपूर्ति प्रभावित होने के मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने भी ऊर्जा मंत्री से बात किया । उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें और इस समस्या को खत्म करने के बारे में बात करें.
आपको बता दें कि बुंदेलखंड के शहरी इलाकों में 18 घंटे बिजली दी जा रही है और ग्रामीण इलाकों में तो बिजली की आपूर्ति बहुत ही ज्यादा कम कर दी गई है.