उत्तर प्रदेश के 15 गांव में बाघो रास्ता रोक कर रखा हुआ है। यूपी के 15 गांव में बाघों का दहशत देखने को मिल रहा है। गांव वाले ही नहीं, सामान्य राहगीर भी शाम पांच बजे से सुबह आठ बजे तक सड़क से नहीं निकल सकते।
आपको बता दें कि बाघों के डर से वन विभाग ने 15 किलोमीटर जंगल के इलाके में बैरियर बांध दिया है। वन विभाग का कहना है कि बाघों के हमले से ग्रामीणों को बचाने के लिए ऐसा हमने किया है।
तिकुनिया कोतवाली इलाके के खैरटिया, मंझरा पूरब इलाके में बाघ तीन सालों में 12 लोगों को शिकार बना चुका है।
पिछले दो-तीन महीने में बाघ सड़क तक आने लगे। 23 मई को बैलगाड़ी से जा रहे युवक पर बाघ ने हमला कर मार डाला था। आपको बता दें कि यह घटना सूरज ढलने के बाद घटी है।
इन हालातों में अब वन विभाग ने मझरा पूरब से तिकुनियां जाने वाले रास्ते पर बैरियर बांध दिए। मझरा पूरब और बहराइच की ओर के दो बैरियर बांधे गए हैं, जिन पर वन कर्मी शाम को पहरा देते हैं। इन रास्तों पर शाम 5:00 बजे से लेकर सुबह 8:00 बजे तक जाना बंद कर दिया गया है। अगर आज के समय किसी मरीज को ले जाना पड़ रहा है आजकल तो उनके साथ वन विभाग की टीम जा रही है ताकि उन्हें बाघों से कोई खतरा ना हो।
दुधवा टाइगर रिजर्व के निदेशक संजय पाठक का कहना है कि गांव वालों को अलर्ट किया गया है कि जंगल के रास्ते से शाम के वक्त न निकलें।
72 घंटे में ली थी बाघ ने दो की जान
तिकुनियां कोतवाली के मंझरा पूरब इलाके में अचानक बाघों की दहशत बढ़ गई है। 23 मई पढुआ के सायपुर निवासी कमलेश चौहान (30) को बाघ बैलगाड़ी के ऊपर से खींच ले गया। इससे ठीक दो दिन पहले दुमेड़ा मंझरा पूरब निवासी महेश (30) पर हमला कर जान से मार दिया था। महेश अपने मामा के खेत मे गुड़ाई कर रहा था और सुस्ताने के लिए पेंड की छांव में गया था तभी बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था।