उत्तर प्रदेश प्रदेश के 32 शहरों में रिवरफ्रंट का निर्माण किया जाएगा. गंगा, गोमती यमुना, सरयू जैसी बड़ी और , छोटी-छोटी नदियों के किनारे बसे शहरों में भी रिवर फ्रंट बनाया. इसके लिए मास्टर प्लान मुख्य नगर ग्राम नियोजन विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है. अब प्रदेश में नदियों के किनारों को खूबसूरत बनाया जाएगा जिससे कि पर्यटन में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी होगी.
अमृत योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 59 शहरों का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को दीया गया है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 32 शहरों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. आपको बता दें कि आज सभी शहर नदियों के किनारे बसे हुए हैं जिस पर रिवरफ्रंट का निर्माण किया जाएगा.इन सभी छोटे-छोटे शहरों के किनारे बसे नदियों का विकास गुजरात के साबरमती नदी के जैसा किया जाएगा. और ग्राम नियोजन विभाग इसके लिए एक विशेष प्लान तैयार करवा रही है. ऐसा उम्मीद किया जा रहा है कि नवंबर तक इसका आखिरी रूप मिल जाए.
पीने के पानी का इंतजाम होगा- जिन शहरों में रिवरफ्रंट का विचार किया जाएगा वह शहर है लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, मथुरा, कानपुर, अयोध्या के अलावा प्रदेश के अन्य छोटे छोटे शहरों में भी रिवरफ्रंट विकसित होगा। गाजीपुर, मैनपुरी, जौनपुर, सुल्तानपुर, बहराइच, आजमगढ़, बलिया, मऊ, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, झांसी, ललितपुर, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, मिर्जापुर, सीतापुर, मुगलसराय, रायबरेली समेत 32 शहरों में रिवर फ्रंट विकसित किया जायेगा.
इन नदियों के किनारे खूबसूरत पार्क भी बनाया जाएगा और साथ ही साथ शौचालय भी बनाया जाएगा. सरकार का उद्देश्य इन नदियों के किनारे रिवरफ्रंट बनाने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देना है.