नए विस्तार और पॉश इलाके के क्षेत्राधिकार वाले उप निबंधक कार्यालय में भीड़ और बाकी पर सब सन्नाटे में हैं।स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल का कहना है कि अलग-अलग क्षेत्राधिकार खत्म होने से काम में सुविधा और पारदर्शिता आएगी।
उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए पूरे सिस्टम को ही ऑनलाइन किया जा रहा है। पूरे सिस्टम को ऑनलाइन किए जाने से स्वतः काम समानुपात में वितरित हो जाएगा।
विभागीय मंत्री ने रविवार को लोकभवन में पत्रकारों के साथ 100 दिन की उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने जानकारी दिया कि सबसे पहले बड़े नगरों में स्थित उप निबंधन कार्यालयों में असामान क्षेत्राधिकार और विकसित-अविकसित क्षेत्र होने के कारण एक कार्यालय में बहुत बड़ी मात्रा में लेखपत्र पंजीकरण के लिए प्रस्तुत हो रहे थे।
रविंद्र जायसवाल ने बताया कि उपनिबंधक कार्यालयों में लेखपत्रों के पंजीकरण के लिए एक पटल पर एक साथ कई पक्षकार उपस्थित हो जाते थे, जिससे एक समय में एक पटल पर अधिक भीड़ इकट्ठी होने से पंजीकरण की प्रक्रिया अव्यवस्थित हो जाती थी।
अब प्रत्येक उप निबंधक कार्यालय में टोकन डिस्प्ले सिस्टम शुरू किया है। इससे पक्षकारों को एक स्थान पर बैठकर अपने क्रम की सूचना मिल जाती है। लेखपत्र के पंजीकरण का काम सरलता और पारदर्शिता से हो पा रहा है।