कोविड-19 के बाद वैसे ही महंगाई बढ़ गई थी लेकिन सरकार ने आज जो फैसला लिया है उसके बाद महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है। जीएसटी परिषद की 47 वीं बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार आज देश भर में रोजमर्रा के सामानों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी कर दी गई है।
आटा, दाल, चावल, दूध, दही, लस्सी, छाछ, पनीर जैसी खाद्य सामग्रियों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग पर महंगाई का एक और बोझ पड़ गया है।
जीएसटी रेट में बढ़ोतरी के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आटा-दाल, चावल को महंगा कर सरकार जब गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ रही है तो हीरा और सोना जैसे कीमती चीजों पर जीएसटी कम कर अमीरों पर रहम क्यों कर रही है?
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। कई लोगों ने सरकार के इस फैसले की आलोचना भी की है।
होटल में रुकना भी हुआ महंगा, दरें आज से लागू-
बताते चले कि चंडीगढ़ में हुई जीएसटी की 47वीं बैठक में प्री-पैक फूड आइटम के अलावा 1000 रुपए से अधिक के होटल कमरे में रहने पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा। अस्पतालों में इलाज करना भी महंगा हो गया है। सरकार ने इन वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में बढ़ोतरी की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने जून के आखिरी सप्ताह में बैठक में यह फैसला किया था। नई दरें आज यानी 18 जुलाई से लागू हो गई है।
स्टेशनरी के सामानों पर भी बढ़ाई गई जीएसटी-
प्री पैक फूड आइटम के अलावा स्टेशनरी के सामान जैसे ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि महंगे हो गए है।