नेपाल और चाइना के बॉर्डर से सटे इलाकों को अब सरकार सेना को सौंप देगी। बता दें कि हिमालय क्षेत्र में मौजूद 15 गांव को बॉर्डर मॉडर्न विलेज में बदला जाएगा। नए प्लान के अनुसार इंटरनेशनल बॉर्डर पर अब सेना के जवानों की पोस्टिंग ज्यादा से ज्यादा दी जाएगी और सबसे बड़ी बात तो यह है कि सेना के जवान अब यहां का पलायन रोकेंगे।

व्यास और दारमा घाटी में कई इलाकों को सेना को दिए जाने की कवायद तेज हो गई है।चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी व्यास घाटी के गुंजी, कालापानी और ज्योलिंगकॉग में सेना की अग्रिम चौकियों बनाई जानी है। यही नहीं, मुनस्यारी और मिलम में भी अग्रिम चौकियों को स्थापित किया जाना है। आपको बता दें कि देश के सुरक्षा के लिहाज से इन सभी इलाकों को सरकार सेना को सौंप देगी।

डीएम पिथौरागढ़ आशीष चौहान ने कहा कि यह नोटिस में बताया गया है कि इन सभी इलाकों को अब सेना को सौंप दिया जाएगा।

15 गांव होंगे बॉर्डर मॉर्डन विलेज में तब्दील-

आपको बता दें कि सेना और प्रशासन के बीच बॉर्डर इलाके में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और साथ ही साथ हैं कई गांवों को मॉडर्न गांव बनाया जाएगा।

पहले चरण में धारचूला, गुंजी और कूटी-यांगती नदी के किनारे सुरक्षा दीवार बनाई जानी है. मिलम, जौहार, दारमा और व्यास घाटियों को रोड के साथ ही संचार कनेक्टिविटी भी दी जानी है।