कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य बहुत ही जल्द शुरू होने वाला है और इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू होने से कई जगहों के लोगों को आने जाने में काफी सुविधा होने लगेगी।
इसकी वजह है कि कानपुर और लखनऊ रिंग रोड से भी जुड़ेगा। स्वायल टेस्टिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। सरकार के द्वारा ऐसे रिंग रोड से इसलिए जोड़ा जा रहा है ताकि बेहतर कनेक्टिविटी मिले। एनएचएआई द्वारा इसकी मंजूरी भी दे दी गई है।
आपको बता दें कि दोनों को नींद खुले से जोड़ा जाएगा ताकि रिंग रोड के ट्रैफिक को आसानी से आसपास के शहरों में आने जाने का मौका मिले। लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य का इंतजार काफी लंबे समय से किया जा रहा है लेकिन इसके निर्माण कार्य में जितनी देरी हो रही है उतनी ही ज्यादा परेशानियां बढ़ती जा रही है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लगभग उम्मीद है कि 2 से 3 साल के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाए उसके बाद लोगों को आने जाने में काफी सुविधा होने लगेगी।
एनएचआई चेयरमैन के अनुसार एक्सप्रेस-वे को कानपुर में रायबरेली हाईवे से एलीवेटेड सबवे से जोड़ा जाएगा, जिसे अचलगंज क्षेत्र में बनाया जाएगा।
जबकि रिंग रोड को आजाद मोड़ के साथ ही आटा-रूमा के बीच तीसरे चरण के निर्माण में लिंक-वे दिया जाएगा। वहीं, लखनऊ के सरोजनी नगर में एक्सप्रेस-वे को लिंक वे देकर जोड़ा जाएगा। जरूरी हुआ तो एलीवेटेड रास्ता भी दिया जाएगा। एनएचएआई चेयरमैन ने नए प्रावधान को मंजूरी दे दी है।
एनएचएआई ने रामादेवी से जाजमऊ गंगा पुलों को कानपुर रीजन से हटाकर लखनऊ रीजन को सौंप दिया है। अब मौजूदा लखनऊ हाईवे की एजेंसी ही इधर का भी मेंटीनेंस करेगी। उसी कड़ी में एलीवेटेड हिस्से में स्ट्रीट लाइट के साथ हाईब्रिड कैमरे लगेंगे क्योंकि यह एलीवेटेड हिस्सा कानपुर- लखनऊ के ट्रैफिक को जोड़ने का काम कर रहा है। इसका भी अलग से प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसे 250 करोड़ के कानपुर-लखनऊ हाईवे प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा गया है।
इन रास्तों के लिए हो जाएगी आसानी
एक्सप्रेस-व से कनेक्टिविटी तो बढ़ेगी ही लेकिन साथ ही जाम की समस्या से भी राहत मिल जाएगी। एक्सप्रेस को रिंग रोड से जोड़ने के बाद सीतापुर, पुराना नेशनल हाइवे 2, कुर्सी रोड के लिए आसानी हो जाएगी। लखनऊ एयरपोर्ट भी कम समय में पहुंच जाएंगी। वहीं हरदोई जाने का रास्ता आसान हो जाएगा।