आपने ट्रेन यात्रा जरूर किया होगा और ट्रेनों में यात्रा के दौरान आपने अक्सर देखा होगा कि सभी स्टेशनों के नाम पीली पट्टी पर काले रंग से लिखा रहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा स्टेशनों के नाम पीले रंग के साइन बोर्ड परीक्षाओं लिखे रहते हैं और रंग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता। अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो हम आज आपको इसके बारे में कुछ खास बातें बताने वाले हैं।
पीला रंग काफी चमकदार होता है जो ट्रेन के ड्राइवर को दूर से ही दिख जाता है। साथ ही इस रंग को बारिश, कोहरे या धुंध में भी पहचाना जा सकता है। लाल रंग के बाद पीले रंग की वेवलेंथ ही सबसे ज्यादा होती है। क्योंकि लाल रंग खतरे का प्रतीक है इसलिए उसका इस्तेमाल यहां नहीं किया जाता है।
ठहरने का संकेत देता है पीला रंग-
वैसे तो पीला रंग काफी ज्यादा चमकदार होता है और साथ ही साथ यह ठहरने का संकेत देता है। पीले रंग के बोर्ड ट्रेन के लोको पायलट को गाड़ी की गति धीमी करने और ठहरने का संकेत देता है। कई स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकती लेकिन इन्हें स्टेशनों से गुजरते समय लोको पायलट ट्रेन ट्रेन की हॉर्न तेज बजाता है ताकि वहां खड़े यात्री सावधान हो सके
भीड़भाड़ वाले इलाके में पीले रंग का बैकग्राउंड बाकी रंगों के मुकाबले काफी अच्छा काम करता है। पीले रंग के बैकग्राउंड पर काले रंग की लिखाई काफी दूर तक दिखाई देती है। काफी दूर से भी इसे साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसलिए हर स्टेशन पर पीले रंग के बोर्ड पर काले रंग से स्टेशन का नाम लिखा जाता है।