भारतीय रेलवे के द्वारा जल्दी उत्तर प्रदेश के स्टेशनों पर एक नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। रेलवे स्टेशनों पर सूचीबद्ध अपराधी प्रवेश करेगा तो तत्काल अलार्म बजेगा। इसके लिए यूपी के कानपुर सेंट्रल सहित 76 तो देश के 756 स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) लगाने की मंजूरी दी गई है।
बता दें कि यह काम भारतीय रेल और रेलटेल के निर्भया कोष के अंतर्गत कराई जाएगी।
वीएसएस लगाने की समयसीमा भी भारतीय रेल ने जनवरी-2023 तय कर दी है।
आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में बाकी सभी स्टेशनों पर भी सुरक्षा के लिहाज से वीएसएस लगाया जाएगा। इस योजना के शुरू होने के बाद अपराधियों का ट्रेन से भागना काफी मुश्किल हो जाएगा।
रेलवे स्टेशन पर कैसे करेगा काम-
वीडियो सर्विलांस सिस्टम आईपी बेस्ड होगा। सीसीटीवी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबिल पर काम करेंगे। ये सिस्टम स्थानीय कंट्रोल से नहीं मंडल और जोनल स्तर के केंद्रीयकरण सेंटर से कनेक्ट होगा।
इस सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और फेसियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर काम करता है। इसमें पहले से फीड सूचीबद्ध अपराधियों के प्रवेश करते ही उसका अलर्ट जारी होगा। कैमरों, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की मॉनिटरिंग के लिए नेटवर्क मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) की व्यवस्था भी की गई है।
जिम्मेदार इसे किसी भी वेब ब्राउज़र के माध्यम से देख सकेंगे। उत्तर प्रदेश के कई स्टेशनों पर बहुत ही जल्दी यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। आपको बता दें कि अब जैसे ही अपराधी अपराधी गतिविधियों को स्टेशन पर बढ़ावा देंगे वह इस कैमरे में कैद हो जाएंगे और उन्हें सजा दी जाएगी।