नेपाल के काठमांडू घाटी के ललितपुर मेट्रोपॉलिटन सिटी में पानी पुरी बेचने पर रोक लगा दिया गया है। जिस पानी पूरी फुल लोग खूब पसंद करते हैं और खाते हैं उस पर रोक लगाने वाकई में काफी शॉकिंग है।
घाटी में हैजा के 12 मामले सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पानी पुरी के लिए जो पानी इस्तेमाल किया गया है उसमें हैजा के कीड़े मिले हैं जिसके बाद लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार इसे बंद कर दिया गया है ताकि लोगों को हैजा जैसी बीमारी से बचाया जा सके।
सिटी पुलिस के हेड सीताराम हचेथु ने बताया कि घाटी में हैजा फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए भीड़ भाड़ वाले इलाकों में पानी पुरी की बिक्री रोकने की तैयारी कर ली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हाल ही में 7 नए मरीज मिलने के बाद घाटी में हैजा मरीजों की संख्या 12 पहुंच गई है।
हैजा लक्षण नजर आएं तो तुरंत हॉस्पिटल पहुंचें
संक्रमितों का इलाज में सुकरराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल में चल रहा है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि अगर वे हैजा के किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो तुरंत अपने नजदीकी हॉस्पिटल पहुंचें।
दूषित भोजन और पानी से फैसला है हैजा
हैजा फैलने का मुख्य कारण दूषित भोजन और पानी है। यह गंदे हाथों और नाखूनों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी हो सकता है। इस वजह से गंभीर दस्त की समस्या होती है, जिससे डीहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है और समय पर इलाज न हो तो कुछ ही घंटों में मौत भी हो सकती है।
मई से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा खतरा
हैजा रोग ज्यादातर मई से सितंबर माह के बीच ज्यादा होता है, क्योंकि इन दिनों में मक्खियां अधिक होती हैं और खाना-पान को दूषित कर देती हैं। साथ ही बासा खाना खाने व बरसात में दूषित पानी पीने से भी हैजा होता है।