आए दिनों महिलाओं के साथ बलात्कार और हिंसा की खबर देखने को मिल ही जाती है. उत्तर प्रदेश में हर दिन एक ना एक बलात्कार के मामले सामने आते हैं. महिलाओं के साथ बलात्कार और मर्डर की खबर आजकल आम बात जैसी हो गई है. आए दिन औरतों के साथ कुछ ना कुछ गलत होने की खबर देखने को मिल ही जाती है.
आपको बता दें कि देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर मुहीम चलाया जा रहा है.यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिशन शक्ति अभियान का तीसरा चरण जारी है। योगी सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षित रखने का कई कोशिश किया जा रहा है फिर भी उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है . नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने आंकड़ा जारी किया है। इसमें 19 महानगरों की तुलनात्मक रिपोर्ट है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में महिला अपराध के मामलों में दिल्ली 9782 मामलों के साथ नंबर एक पर है। वहीं, 4583 मामलों के साथ मुंबई दूसरे और 2730 मामलों के साथ बेंगलुरु तीसरे स्थान पर है, जबकि लखनऊ चौथे स्थान पर है। लखनऊ में 2636 मामले दर्ज किए गए थे।
बता दें कि 2019 की तुलना में लखनऊ में महिलाओं पर अत्याचार और हिंसा के मामले बहुत ही ज्यादा अभी बढ़ गए हैं.बता दें कि 2020 में महिलाओं पर हिंसा के केस काफी ज्यादा बढ़ गए हैं लेकिन इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह है कि लखनऊ में महिलाओं के साथ यौन शोषण का केस काफी कम है. यही नहीं महिलाओं से दफ्तर में भी यौन शोषण की शिकायतें नहीं मिली हैं।
वहीं महिलाओं की गुमशुदगी व अपहरण के 599 प्रकरण के साथ लखनऊ तीसरे स्थान पर है। लखनऊ में नाबालिक लड़कियों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला 54 में देखने को मिला है.
महिलाओं के साथ साइबर क्राइम में लखनऊ दूसरे नंबर पर : एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को केंद्रित कर साइबर क्राइम के 63 मामलों के साथ बैंगलुरु सबसे आगे रहा। आपको बता दें कि लखनऊ में महिलाओं के साथ साइबर क्राइम के मामले में दूसरे नंबर पर रहा है. यहां आए दिन महिलाओं के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही है.