Latest Posts

बच्चों को मानसिक रूप से काफी कमजोर कर रही है मोबाइल और टीवी की लत, इन तरीकों को अपनाकर छुड़ाएं यह बुरी लत

मोबाइल लैपटॉप टीवी जैसे चीज है आजकल बच्चों को मानसिक रूप से जिद्दी और गुस्सैल बना रहा है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों को टीवी लैपटॉप और मोबाइल से दूर रखें ताकि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और दुनिया के सभी अच्छे गुणों को अपना सके।

बलरामपुर अस्पताल में मनोचिकित्सक डा. देवाशीष शुक्ला कहते हैं कि आनलाइन गेमिंग और बढ़ता स्क्रीन टाइम युवाओं के साथ बच्चों के मानसिक स्तर की क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे ऑनलाइन गेम की मदद से हिंसात्मक कदम उठाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जितना हो सके बच्चों को मोबाइल गेम से दूर रखना आवश्यक है।

- Advertisement -

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के मानसिक रोग चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विवेक अग्रवाल कहते हैं कि बच्चों के स्क्रीन टाइम को उनके आयु के लिहाज से निश्चित करना चाहिए। इसके लिए कुछ कदम उठाने आवश्यक हैं-

जन्म से दो वर्षों तक बच्चों को मोबाइल फोन या स्क्रीन के संपर्क में न आने दें।

तीन से पांच वर्ष तक स्क्रीन टाइम आधा घंटा हो।

छह से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम एक से दो घंटा हो।

12 से अधिक आयु वर्ग से स्कूल जाने तक की अवस्था तक बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम तीन से चार घंटे तक हो।

बच्चों को बाहर के खेलकूद के लिए प्रेरित करें। उन्हें हमउम्र बच्चों से घुलने मिलने दें।
बच्चों के लिए समय निकालें। उन्हें पारिवारिक समय दें। उन्हें घर के कामों में शामिल करें।
घर के पास बने कालोनी के पार्क में रोजाना लेकर जाएं।
बच्चों को किताबें पढ़ने, स्वीमिंग, पौधा लगाने, आर्ट, पेंटिंग करने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों को संगीत से जोड़ें। संगीत मानसिक अवस्था को बेहतर करने में मदद करता

Latest Posts

Don't Miss