कुछ सपने पूरे करने के लिए हमें अपना सबकुछ त्यागना पड़ता है. कड़ी मेहनत करने के बाद हमें सफलता मिलती है. कुछ बच्चों के संघर्ष त्याग की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अलग छाप छोड़ जाती है.
अनुकृति शर्मा की कहानी मुश्किलों से जूझते नौजवानों के लिए एक प्रेरणा है। साल 2017 में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से आयोजित हुई सिविल सेवा परीक्षा में जयपुर की अनुकृति शर्मा ने 355th रैंक हासिल की थी।
अनुकृति शर्मा जयपुर की निवासी है . बता दें कि वह कभी भी सिविल सर्विसेज की तैयारी नहीं करना चाहती थी और ना ही आईएएस बनना चाहते थी. 12 की परीक्षा देने के बाद वह अपने हायर स्टडी के लिए विदेश चली गई लेकिन उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ कि वह वापस आ गई और बिना कोचिंग है आईएएस अफसर बनने के सपने को पूरा कर दिखाई.
बता दें कि अनुकृति ने अपने शुरुआती पढ़ाई जयपुर से ही किया. अपने शुरुआती पढ़ाई करने के बाद वह अपने हायर स्टडी के लिए अमेरिका गए और वहां उन्होंने पढ़ाई करना शुरू किया. लेकिन वहां उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद उन्होंने सोचा कि उन्हें आईएएस अफसर बनना है और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया.
क्यों लिया IAS बनने का फैसला –
उन्होंने बताया कि उनके गांव में एक भैया जो चाय की दुकान चलाते थे उनकी बेटी की शादी 14 साल की उम्र में ही कर दी गई. तब उन्हें यह बात समझ आया कि उन्हें काफी सारी सुविधाएं मिली हुई है वह जो चाहे वह कर सकती हैं उसके बाद उन्होंने आईएएस अफसर बनने का फैसला लिया और इसके लिए उन्होंने अपने टीचर से भी बात किया.
ऐसे करें एग्जाम क्रैक-
अनुकृति का कहना है कि आप आईएस की तैयारी धैर्य के साथ करें और एक सही रणनीति के साथ पढ़ाई किया करें. आपको कई बार और सफलता हाथ लगेगी लेकिन आप कभी हार नहीं माने और कोशिश करते जाए. लगातार कोशिश करने से आप एक ना एक दिन अपनी मंजिल जरूर पा लेंगे.