वैसे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा उत्तर प्रदेश के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का पूरा प्रयत्न किया जा रहा है लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
उत्तर प्रदेश में कई ऐसे सरकारी स्कूल के बच्चे हैं जिन्हें अभी तक सीएम और पीएम का अंतर नहीं पता है। उन्हें अभी तक सीएम और पीएम के नाम में फर्क तक नहीं पता है। यहां पढ़ाने वाले मास्टर ओ को ना तो ठीक से हिंदी आती है और ना ही अंग्रेजी इसका साफ मतलब है यहां पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है।
ऐसा ही एक मामला यूपी के बांदा जिले से सामने आया है, जहां डीएम खुद बच्चों की पढ़ाई की हकीकत जानने के निरीक्षण करने पहुंचे थे। डीएम ने बच्चों से जब यूपी के सीएम का नाम पूछा, तो बच्चे का जवाब सुनकर डीएम की भी हंसी छूट गई।
मामला मंगलवार का है। बांदा डीएम अनुराग पटेल सुबह करीब नौ बजे नरैनी तहसील क्षेत्र के तुर्रा स्थित प्राथमिक विद्यालय द्वितीय औचक निरीक्षण को पहुंचे। विद्यालय की स्थिति और छात्र-छात्राओं की जानकारी जान हैरान रह गए।
कक्षा पांच के बच्चों से मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो नरेंद्र मोदी बताया। सवाल दो बार दोहराया, लेकिन बच्चों का जवाब नहीं बदला।
मात्रभाषा हिन्दी पढ़ना-लिखना आने के बाबत पूछा तो कक्षा में मौजूद सभी 27 बच्चों ने सिर हिलाकर हामी भरी। डीएम ने ‘शाम को जल्द नींद आती है’ वाक्य लिखने को कहा तो सिर्फ एक छात्र शिवशंकर ही लिख पाया।
डीएम के निरीक्षण के समय शिक्षामित्र राजरानी अनुपस्थित मिलीं, जिनका एक दिन का मानदेय रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा। आपको बता दें कि डीएम ने तुरंत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का आदेश दिया है।