हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा बहुत ही मान्यता के साथ की जाती है और साथ ही साथ कई लोग हनुमान जी में बहुत आस्था भी रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि हनुमानजी को सच्चे मन से याद करने पर मनचाहा वर मिलता है और साथ ही साथ कोई भी दुख तकलीफ खत्म हो जाती है.
शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिरों में काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है. देश के कोने कोने में हनुमानजी के भक्त पूछते हैं और उनसे मनचाहा वर मांगते हैं. वैसे तो पूरे देश में हनुमान जी की बड़े ही मान्यता के साथ पूजा होती है लेकिन भारत ने एक ऐसा गांव है जहां अनुमान जी का पूजा करना गुनाह माना जाता है. आइए जानते हैं इस गांव के बारे में विस्तार से….
इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा –
कलयुग के समय में हनुमान जी की पूजा काफी ज्यादा मान्यता के साथ की जाती है. लेकिन उत्तराखंड के चामोली में स्थित दूनागिरि गांव के लोगों की भगवान हनुमान से ऐसी नाराजगी है कि यहां हनुमान जी की पूजा करना किसी अपराध की तरह माना जाता है. इस गांव में ना तो हनुमान जी का कोई मंदिर है और ना ही लोग हनुमान जी का पूजा करना चाहते हैं.
ये है नाराजगी की वजह –
मान्यता है कि जब सीताहरण के बाद रावण की सेना से युद्ध हो रहा था तब लक्ष्मण जी मेघनाथ के बाण से मूर्छित हो गए थे. तब उनके इलाज के लिए पवनपुत्र हनुमान संजीवनी बूटी खोजने यहां आए थे. तब इसी गांव की महिला ने उन्हें पर्वत का वह हिस्सा दिखाया था जहां संजीवनी बूटी उगती थी. लेकिन तब भी हनुमान जी संजीवनी बूटी पहचान नहीं पाए तो वे पूरा पर्वत ही उखाड़ कर अपने साथ ले गए. तब से यहां के लोग भगवान हनुमान से नाराज हैं और उनकी कभी भी पूजा नहीं करते हैं. लोग आज भी इस मान्यता को मानते हैं और हनुमान जी की पूजा नहीं करते हैं