उत्तर प्रदेश में बड़ी हुई जीएसटी का विरोध करते हुए यूपी वृक्ष संघ ने बंद करने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि बढ़ी हुई दरों का सीधा असर ईट बनाने वाले पर देखने को मिलेगा इसका ब्रिक्स एसोसिएशन ने बहुत ही ज्यादा विरोध करना शुरू कर दिया है।
एसोसिएशन मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, कोयले की कीमतों में 200 से 300 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो गई है। साथ ही GST बढ़ाए जाने के बाद ईंट भट्ठों को बंद करने की नौबत आ गई है। जो ईंट 21 हज़ार की तीन हज़ार मिलती थी वो अब हमें कम से कम 30 हज़ार से 50 हज़ार तक बेचनी पड़ेगी।
उसने कहा कि लगातार बढ़ती हुई रेट के कारण खरीदारी घटने लगी है और आने वाले समय में खरीदारी और ज्यादा घट जाएगी। और सबसे बड़ी बात यह है कि खरीदारी तो बढ़ेगी नहीं और दूसरी तरफ मजदूरी बढ़ते जाएगी जिसका हम बोझ भी नहीं उठा पाएंगे।
क्यों महंगा हो रहा है ईंट ?
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश को हर साल 1200000 टन कोयला देने की बात तय हुई थी।
लेकिन पिछले चार वर्षों में 76 हजार टन कोयला ही मिला है। जबकि विदेश से आने वाला कोयला बहुत ज्यादा महंगा हो चुका है। इसके कारण मान तो लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन उत्पादन काफी धीमी है जिसका सीधा असर रेट पर पड़ने लगा है।
आपको बता दें कि दूसरी तरफ जहां काफी तेजी से उत्तर प्रदेश में ईट की मांग बढ़ रही थी वहीं अब जीएसटी लागू होने के बाद दाम बढ़ जाएगी और मांग कम हो जाएगी। मांग कम हो जाने से लोग काफी परेशान होंगे इसलिए जरूरी है कि सरकार जीएसटी वाले कानून वापस ले और इसी का प्रयोग करते हुए एसोसिएशन ने बंद का ऐलान किया है।