लखनऊ में महिला सिपाही रुचि सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। तहसीलदार रानीगंज पद्मेश श्रीवास्तव ने ने पूछताछ में बताया कि रुचि सिंह उसको ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रही थी।
तहसीलदार ने कहा कि रुचि उसपर लगातार शादी के दबाव बना रही थी लेकिन वह उससे शादी नहीं करना चाहता था। उसने कहा कि मैंने रुचि को रात भर समझाने का कोशिश किया लेकिन वह जिद पर अड़ी रही।
जिसके बाद उसने भाड़े के हत्यारे से उसको मौत के घाट उतार दिया।
मोबाइल डिटेल्स से पकड़ में आया तहसीलदार-
13 फरवरी को रुचि सिंह लापता हो गई थी उसके बाद पुलिस ने उनका कॉल डिटेल्स निकाला तो पता चला कि वह आखरी बार पद्मेश से बात की हुई थी। घरवालों से संपर्क करने पर पता चला कि 12 फरवरी को पद्मेश रुचि से मिलने पहुंचा था।
रविवार को पुलिस ने पद्मेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि 12 फरवरी की रात उसके साथ वह रुका था।
तहसीलदार ने कहा कि मैंने उसे रात भर समझाने का कोशिश किया क्योंकि मेरी पत्नी शादी के लिए नहीं मान रही थी। लेकिन रुचि नहीं मान रही थी और वह अपनी जिद पर अड़ी रही जिसके बाद तहसीलदार ने प्रतापगढ़ के एक भाड़े के गुंडे से रुचि की हत्या करा दी।
तहसीलदार ने हत्या करने वाले युवक का कोई काम कराया था। घटना को छिपाने के लिए उसका शव नाले में फेंकवा दिया था।
परेशान तहसीलदार मुकदमा लिखाने पहुंचा था कोतवाली-
रानीगंज तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव महिला आरक्षी रुचि सिंह के लगातार दबाव बनाने व धमकाने से आजिज आ चुका था। जनवरी माह में वह मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोतवाली भी पहुंचा था। उसका कहना था कि रुचि उसे लगातार ब्लैकमेल कर रही है। वह काफी तनाव में रहता था। उसने बताया कि रुचि के साथ वह पति पत्नी के जैसे अपने सरकारी क्वार्टर में काफी काफी दिन रहा करता था।