हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में बच्चे यूपीएससी का परीक्षा देते हैं. लेकिन इस परीक्षा में वही बच्चे सफल हो पाते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और मुश्किलों के आगे कभी भी घुटने नहीं तकते हैं।
देश के कोने कोने में बच्चे बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों में यूपीएससी का तैयारी करते हैं लेकिन इनमें से कई बच्चे होते हैं जो सेलेक्ट नहीं हो पाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं जो कि अपने मुश्किलों को हराकर बिना कोचिंग के यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाते हैं।
कहते हैं अगर दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी मुश्किल आप का रास्ता नहीं रोक सकते। ठीक है ऐसी कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं।
आज हम आपको आईएएस ऑफिसर सिरिधान्य सुरेश की कहानी बताने वाले हैं जिनके माता-पिता मनरेगा में मजदूरी करते थे। श्री धन्य के माता पिता केरल के वायनाड जिले में रहते हैं जो कि एक पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है और उनके तीन भाई बहन भी हैं।
श्री धनया इस आर्थिक रूप से बेहद गरीब परिवार से हैं और यही वजह थी कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग संस्थान का सहारा लेना सही नहीं समझा।बचपन से ही उन्होंने बेहद गरीबी का सामना किया।
साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी का परीक्षा दिया और 410 वी रैंक हासिल की। लेकिन यूपीएससी का इंटरव्यू देने जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और यही वजह थी कि उनके दोस्तों ने पैसे जोड़कर उन्हें दिल्ली यूपीएससी की इंटरव्यू देने के लिए भेजें। आपको बता दें कि दृढ संकल्प से उन्होंने इस परीक्षा को पास कर दिखाया।
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