घर बनाने वाले लोगों को एक बार फिर से झटका लग सकता है। ईट के साथ-साथ बालू और कई तरह के घर बनाने वाले मैटेरियल्स के कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुआ है। रूस यूक्रेन के युद्ध के बीच कच्चे सामानों का आयात बहुत ही कम हो पा रहा है जिसके कारण व्यापारियों की परेशानियां बढ़ गई है। पिछले साल अधिक बारिश होने के कारण कच्ची ईंट गल गई।

कच्ची ईंटों के गले के कारण ईट भट्टे के मालिकों की परेशानियां काफी बढ़ गई और दोबारा से इन सभी ईटों की छपाई करनी पड़ी। आपको बता दें कि ईटों की कीमत बढ़ने में सबसे ज्यादा हाथ बेमौसम होने वाली बारिशों का है।

आपको बता दें कि बालू सरिया सीमेंट मोरन आदि के कीमतों में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। सिर्फ घर बनाने वाले मटेरियल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है बल्कि मजदूरी में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। मजदूरी में बढ़ोतरी होने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई है।

वहीं दूसरी तरफ भट्ठा संचालक रंजन सिंह, सुहेल अहमद, दिनेश यादव, शमीम, रियाज अहमद, अबु तालिब, शकील अहमद, सुल्तान अहमद, शमीम, रामहित, आजाद अच्छन, चंद्रकेश यादव आदि का कहना है कि एक तरफ प्राकृतिक आपदा से प्रतिवर्ष भारी नुकसान हो रहा है।

एक तरफ जहां मटेरियल से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है वहीं दूसरी तरफ कोयला के कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिला है। कोयला की कीमतों में भारी उछाल होने के कारण ईटों की छपाई में भी परेशानी हो रही है। घर बनाने वाले मैटेरियल्स की कीमतों में बढ़ोतरी रूस यूक्रेन युद्ध के कारण भी हुआ है।