देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा से आगरा तक जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. यमुना एक्सप्रसवे डवलपमेंट अथॉरिटी के पत्र के बाद यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक ने वाहनों की स्पीड लिमिट कम करने का फैसला किया है. इसके तहत अब हल्के वाहन अब 100 की जगह 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगे.
इसके अलावा जेपी इंफ्राटेक ने भारी वाहनों की स्पीड लिमिट 80 से घटा कर 60 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी है. यह नियम 15 दिसंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 तक लागू रहेगा. तय स्पीड के मुताबिक, अब कार सवार को 99 मिनट मतलब 1.39 घंटे में यमुना एक्सप्रेसवे पर अपना सफर पूरा करना होगा. अगर इससे कम वक्त में सफर पूरा किया तो जुर्माना लगेगा. भारी वाहनों के लिए 124 मिनट मतलब 2.4 घंटे का वक्त रखा गया है. इसके साथ युमना एक्सप्रेसवे के अधिकारियों ने कहा कि स्पीड की निगरानी का काम कई जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से किया जा रहा है. अगर कोई वाहन चालक इसका उल्लंघन करता है तो उसका ई-चालान कट जाएगा.
इस वजह से यमुना अथॉरिटी ने लिखा कंपनी को पत्र
बता दें कि कुछ दिन पहले यमुना अथॉरिटी ने यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक वाहनों की स्पीड लिमिट कम करने के लिए पत्र लिखा था. वहीं, यमुना अथॉरिटी के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक को पत्र भेजकर इसके लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. वैसे यमुना अथॉरिटी ने कदम इस वजह से उठाया था कि सर्दियों में कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होने से हादसों की संख्या और बढ़ जाती है. वहीं, सर्दियों में हादसों की रोकथाम के लिए यमुना अथॉरिटी के पत्र के बाद जेपी इंफ्राटेक ने वाहनों की अधिकतम लिमिट कम करने का फैसला किया है.
आईआईटी दिल्ली के सुझावों पर भी हो रहा अमल
वहीं, यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली के सुझावों पर अमल हो रहा है. इसी वजह से यमुना एक्सप्रेसवे की दोनों सड़कों के बीच की जगह के दोनों ओर क्रैश बीम बैरियर लगाने का काम चल रहा है, जो कि अब तक तकरीबन 50 फीसदी पूरा हो चुका है. दरअसल क्रैश बीम बैरियर लगने के बाद तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर दूसरी ओर से गुजर रहे वाहनों से नहीं टकरा सकेंगे. यही नहीं, रंबल स्ट्रिप, साइनेज आदि के लगाने का काम भी पूरा हो चुका है.