उत्तर प्रदेश के सभी सड़कों और शहरों के विकास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष ध्यान दे रहे हैं। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश से क्राइम खत्म करने का पूरा प्रयत्न कर रहे है।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों के विकास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष योगदान दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ यूपी के अलीगढ़ शहर के विकास के लिए भी विशेष प्रयत्न किया जा रहा है। अलीगढ़ शहर के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहमदाबाद के तर्ज पर अलीगढ़ शहर का विकास करने का फैसला किया है।
इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट इन्हीं में एक है। ये प्रोजेक्ट दो चरणों में लागू होगा। अहमदाबाद की तर्ज पर इस प्रोजेक्ट को लागू करने की योजना है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था को प्रभावी किया जाएगा।
एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर संचालित होंगे, सड़कों पर बने कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट कम किए जाएंगे। अधिक आबादी वाले शहरों से कचरा हटाने के लिए लगातार कोशिश किया जाएगा और इधर सफाई कर्मियों की तैनाती होगी। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 100 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे।
45 प्रतिशत हिस्सा निस्तारित हो पाता है बेहिसाब कूड़े का
55 प्रतिशत कूड़ा एटूजेड प्लांट में किया जाता डंप
11 प्रतिशत आउटसोर्स सफाई कर्मियों पर बढ़ा बजट
बदलेंगी व्यवस्थाएं
100 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी फंड से सफाई व्यवस्था पर होंगे खर्च
02 माह बाद लागू होगा इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनजमेंट प्रोजेक्ट
500 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण की स्थापित होंगी यूनिट
489 सफाई कर्मचारियों की आउटसोर्स पर होगी भर्ती
107 आटो टिपर वाहन घर-घर से उठाएंगे कूड़ा
19 ग्राम पंचायतों में भी बेहतर होगी व्यवस्थाएं
11 मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर बनाने की है योजना
70 करोड़ रुपये सफाई अधिष्ठान पर होंगे खर्च
30 करोड़ रुपये आउटसोर्स सफाई कर्मियों पर होंगे खर्च
13 करोड़ रुपये स्वच्छ भारत मिशन पर होंगे खर्च
2010 से कूड़ा निस्तारण का चल रहा है प्रयास
सफाई कर्मियों की कमी
10 हजार की आबादी पर 28 सफाई कर्मियों के वर्षों पुराने मानक
13 लाख की आबादी पर होने चाहिए 3640 सफाई कर्मी
2318 सफाई कर्मचारी हैं नगर निगम में नियुक्त
1010 सफाई कर्मचारी आउटसोर्स पर में हैं नियुक्त
68 वर्ग किलोमीटर तक फैल चुका है नगर निगम का दायरा
कूड़ा निस्तारण पर हुआ खर्च
1.25 करोड़ रुपये कूड़ेदानों पर
3.30 करोड़ रुपये मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटरों पर
75 लाख रुपये कूड़ा उठाने की हथगाडिय़ों पर
2.25 करोड़ रुपये फिक्सड कांपैक्टर ट्रांसमिशन मशीन पर
05 करोड़ रुपये आटो टिपर वाहनों पर
04 करोड़ रुपये लगभग प्रतिमाह सफाई व्यवस्था पर
आधा कूड़ा भी नहीं होता निस्तारित
450 मीट्रिक टन प्रतिदिन निकलता है कूड़ा
200 मीट्रिक टन कूड़े से बनाई जाती है जैविक खाद
250 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन एटूजेड प्लांट में होता डंप
10 लाख मीट्रिक टन कूड़े का एटूजेड प्लांट में लगा पहाड़
खर्चे में सालाना बढ़ोतरी
12.25 करोड़ रुपये आउटसोर्स कर्मियों के वेतन पर सालाना होता था खर्च
13.32 करोड़ रुपये आउटसोर्स कर्मियों के वेतन अब सालाना होगा खर्च
1. 8 करोड़ रुपये सालाना नगर निगम का बढ़ा खर्च