लखनऊ से कानपुर के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेसवे (एनई-6) का निर्माण शुरू हो गया है। इसके लिए 32 गांवों की 380 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की गई है। कार्यदायी फर्म ने सोमवार को पुरवा तहसील की तूरी पंचायत में भूमि का समतलीकरण शुरू किया। अधिकारियों का कहना है कि जून 2024 तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद मात्र 45 मिनट में कानपुर से लखनऊ पहुंच सकेंगे।
कार्यदायी फर्म पीएनसी ने तौरा के पास यार्ड बनाया है। पुरवा के तहसीलदार विराग करवरिया, लेखपाल आशु श्रीवास्तव और पीएनसी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन की मौजूदगी में बुलडोजर से भूमि समतल की गई। कुछ किसानों ने मुआवजा न मिलने की बात कही तो तहसीलदार ने जल्द ही सबके खातों में मुआवजा पहुंचने का आश्वासन दिया।
इन गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
हसनगंज तहसील के हिनौरा, हसनापुर, बजेहरा। पुरवा तहसील के तूरीछविनाथ, रायपुर, मैदपुर, मनिकापुर, तूरीराजासाहब, बछौरा, सरइया, कांथा, कुदिकापुर, बीकामऊ, सहरावां, काशीपुर। सदर तहसील के मोहिद्दीनपुर, बेहटा, अमरसस, शिवपुरग्रंट, बंथर, जगेथा, नेवरना, कड़ेर, पतारी, आंटा, कोरारीकला, करौंदी, गौरीशंकरपुर ग्रंट, पाठकपुर, जरगांव, तौरा व अड़ेरुवा।
किसानों ने गंगा एक्सप्रेसवे का काम रोका
बिछिया। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहीत पड़रीकला गांव के किसानों की भूमि का बैनामा होने के एक वर्ष बाद भी मुआवजा जारी नहीं हुआ है। इससे परेशान किसानों ने सोमवार को एक्सप्रेसवे का काम रुकवा दिया। किसान राजेंद्र प्रसाद पांडेय, वीरेंद्र प्रसाद पांडेय, नरेश प्रसाद, सुनील तिवारी, मुकेश लोध व राम नारायण प्रजापति आदि ने बताया कि एक सप्ताह में बैनामे का भुगतान न होने पर घेराव किया जाएगा। (संवाद)
Note : तस्वीर काल्पनिक है ।