NCR यानी नेशनल कैपिटल रीजन की तर्ज पर ही यूपी में SCR यानी स्टेट कैपिटल रीजन बनेगा। इसमें राजधानी लखनऊ समेत आसपास के 7 जिले- कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर शामिल किए जाएंगे। प्रदेश खासकर लखनऊ में तेजी से बढ़ती आबादी को देखते हुए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है।
SCR बनने के बाद न सिर्फ लखनऊ बल्कि इसमें शामिल जिलों को सुनियोजित विकास किया जाएगा। एक पैटर्न पर सिस्टोमेटिक तरीके से डेवलपमेंट प्लान बनेंगे। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि लखनऊ में बढ़ती आबादी को कंट्रोल किया जा सकेगा।
आखिर क्यों पड़ी SCR बनाने की जरूरत
सीएम योगी ने कहा,”अलग-अलग शहरों के लोग यहां आकर इसे अपना घर बनाना चाहते हैं। इससे लखनऊ के पड़ोसी जिलों में भी जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है। कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी आती रहती हैं। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन किया जा रहा है।”
50 साल ध्यान में रखकर बनाए डेवलपमेंट प्लान
बैठक में लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर बनाने को लेकर अफसरों ने ब्लू प्रिंट रखा। नगर निगम लखनऊ दायरे को भी बढ़ाया गया। बटलर झील और सीजी सिटी में वेटलैंड बनाया जाना है। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, “डेवलपमेंट प्लान आने वाले 50 सालों का ध्यान रखते हुए बनाने चाहिए। मास्टर प्लान में डेवलपमेंट का पूरा खाका होना चाहिए।”
सभी विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती कर ली जाए। प्राधिकरण को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर विचार करना होगा। नए शहर बसाने हों या कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना की प्लानिंग करनी हो। यहां कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे होने वाली कमाई से प्राधिकरण परियोजना को और बेहतर कर सकेंगे।
सिटी डेवलपमेंट प्लान के लिए इन शहरों पर जोर
सीएम ने कहा,”लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली, मेरठ, आगरा, चित्रकूट, वाराणसी, प्रयागराज का सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार कर लिया जाए।”