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यूपी के इस जिले में है एक ऐसा मंदिर जहां भगवान जगन्नाथ खुद देते हैं मानसून आने की सूचना,मंदिर से टपकता है पानी

हमारे पृथ्वी पर कई ऐसी रहस्यमई चीज उपलब्ध है जिसको देखने के बाद हम अपनी आंखों पर भरोसा नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के एक ऐसे ही रहस्यमई मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जिसके बारे में जानने के बाद आप चौक जायेंगे।

उत्तर प्रदेश में कैसा मंदिर है जहां मानसून आने की सूचना स्वयं भगवान जगन्नाथ देते हैं।घाटमपुर में भीतरगांव के बेंहटा-बुजुर्ग गांव स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर के गुंबद में लगे मानसूनी पत्थर से पानी की बूंदें टपकनी शुरू हो गई हैं।

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आपको बता दें कि पानी का बोल दो का घनत्व भी छोटा है लेकिन 1 सप्ताह के बाद इन पानी की बूंदों का घनत्व बड़ा हो जाएगा। गांव के लोग इसे भगवान जगन्नाथ की कृपा मानकर खेती किसानी का काम शुरू कर दिए हैं।

इलाके के लोगों ने बताया कि वह लोग अपने पुरखों से सुनते चले आए हैं कि जगन्नाथ मंदिर की छत पर लगे पत्थर से जब पानी की बूंदें टपकनी शुरू हो जाती हैं तो इसके एक पखवारे बाद मानसून सक्रिय हो जाता है। लोगों ने कहा कि अगर पानी की बूंदों का आकार छोटा होता है तो इसका मतलब यह हुआ कि इस साल बारिश अधिक नहीं होगी बल्कि उस साल बाद इस हर साल के मुकाबले में कम होगी।

भीतरगांव इलाके के बेहटा बुजुर्ग गांव में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह के शिखर पर एक आयताकार पत्थर लगा है।
प्रति वर्ष मई महीने में चिलचिलाती गर्मी के बीच उस पत्थर में पानी की छोटी-छोटी बूंदें आ जाती हैं।

आपको बता दें कि यह सभी बूंदे एक जगह इकट्ठा हो जाती है और इसमें से पानी की बूंदे टपकने लगती है। लेकिन जैसे ही बरसात शुरु होती है यह पानी की बूंदे अपने आप गायब हो जाती है और सारा मंदिर सूख जाता है।

मंदिर के ऊपर लगा अष्टधातु से निर्मित चक्र
इतिहासकारों के मुताबिक इसका निर्माण काल 9वीं शताब्दी के आसपास प्रतापी सम्राट हर्षवर्धन के समय का है। देश-विदेश में इसकी ख्याति मानसूनी मंदिर के नाम से है।

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