यूपी के कानपूर शहर को भारी वाहनों के जाम से बचाने और चारों ओर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी आउटर रिंंगरोड योजना के काम ने तेजी पकड़ी है। पैकेज वन में मंधना से सचेंडी के बीच अगले वर्ष जून से निर्माण का काम शुरू हो सकता है।
वर्ष 2025 तक रिंगरोड का काम पूरा होने के बाद शहरी क्षेत्र में लोगों को यातायात समस्या से बड़ी राहत मिलेगी। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मुआवजा वितरण के लिए तैयारी शुरू कर दी है और नवंबर से मार्च के बीच वितर का काम पूरा करने की मंशा है।
93 किमी लंबी होगी रिंग रोड
लगभग 10 हजार करोड़ से शीघ्र शुरू होने वाली 93 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण मंधना से शुरू होना है। यह रोड सचेंडी, रमईपुर , साढ़ के समीप होते हुए रूमा, आटा के रास्ते मंधना में आकर शुभारंभ स्थल से जुड़नी है। इसका सबसे कम चार किलोमीटर का हिस्सा कानपुर देहात में पड़ेगा, जबकि सबसे ज्यादा लंबाई कानपुर नगर में 62 किलोमीटर है। उन्नाव में इसकी लंबाई 27 किलोमीटर है।
दिनों दिन बढ़ती जा रही वाहनों की भीड़ के बीच शहर में भारी वाहनों के प्रवेश से समस्या और विकराल हो जाती है। खास तौर पर जीटी रोड का काफी हिस्सा शहरी आबादी के बीच से होकर गुजरता है। इसकी वजह से दिन भर यातायात रेंगता है। इस समस्या के स्थायी निदान के लिए ही वर्ष 2014 में आउटर रिंगरोड की योजना तैयार की गई थी।
आउटर रिंग रोड योजना का स्वरूप
-कानपुर नगर में लंबाई: 62 किमी
-उन्नाव में कुल लंबाई: 27 किमी
-कानपुर देहात में लंबाई: 04 किमी
23.5 किलोमीटर है मंधना-सचेंडी के बीच का हिस्सा
560 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
इतनी होगी लागत
-निर्माण लागत: 4778.69
-भूमि अधिग्रहण खर्च: 3605
-यूटिलिटी शिफ्टिंग खर्च: 191.14
-अन्य व्यय: 907.95
-कुल लागत: 9482.79
(लागत करोड़ रुपये में)
Note : तस्वीर काल्पनिक है।