मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपने दूसरे कार्यकाल में लगातार उत्तर प्रदेश का विकास किया जा रहा है। अब उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चंद्र ताल की सूरत बदलने की बेरा उठाई गई है। उत्तर प्रदेश के चंदूलाल में देश-विदेश से पक्षी घूमने के लिए आते हैं। लेकिन पिछले साल से यहां पक्षियों का आना कम हो गया है क्योंकि चांदो ताल में अब जलकुंभी नया स्थान बना लिया है। आपको बता दें कि ₹10 खर्च करके बहुत ही जल्द इस साल की सूरत बदली जाएगी ।
नेशनल वेटलैंड कन्जर्वेशन प्रोग्राम के तहत चयनित होने के बाद भी यह उपेक्षा का शिकार है। आपको बता दें कि चंद्रताल की प्राकृतिक सौंदर्य को सवारने और सजाने के लिए अभी 3:30 करोड़ रुपए की जरूरत है और उम्मीद है कि सरकार बहुत ही जल्द इस को सजाने और संवारने का कार्य शुरू कर देगी।
बस्ती शहर से 10 किलोमीटर दूर प्राचीन ताल चंदो ताल को वन विभाग ने वर्ष 1997 में बनाया था। ताल से सटे स्थल को शहीद उदय प्रताप सिंह पक्षी विहार के रूप में स्थापित किया गया है। वक्त के साथ इस ताल की सुंदरता खत्म होते गई।
अस्तित्व बचाने के लिए छिटपुट प्रयास किए गए, मगर जलकुंभी व सिल्ट जस की तस ताल में जमी रही। ठंड के समय में यहां बहुत बड़ी मात्रा में पक्षी आते थे लेकिन वक्त के साथ इसकी सुंदरता खत्म होती गई और पक्षियों का आना कम हो गया लेकिन अब इसकी खूबसूरती बढ़ाई जाएगी। आपको बता दें कि पहले भी कई तरह की योजनाएं चंदो ताल की सूरत बदलने के लिए लाई गई है लेकिन इसकी सूरत नहीं बदल पाए। लेकिन अब सरकार की कोशिश है कि इस साल की सूरत बदली जाए और यहां पर्यटन स्थल विकसित किया जाए।