पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के कटनी-बीना खण्ड पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके चलते कुछ ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा। एक और दो सितंबर को प्रस्थान करने वाली 19490 गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस कटनी-बीना-निशातपुरा-संत हिरदाराम नगर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग कटनी-जबलपुर-इटारसी-भोपाल-संत हिरदाराम नगर के रास्ते चलाई जाएगी। 02 एवं 03 सितम्बर को प्रस्थान करने वाली 19489 अहमदाबाद- गोरखपुर एक्सप्रेस संत हिरदाराम नगर-निशातपुरा-बीना-कटनी के स्थान पर परिवर्तित मार्ग संत हिरदाराम नगर-भोपाल-इटारसी-जबलपुर-कटनी के रास्ते चलेगी।
10 से बनारस से चलेगी वाराणसी-ओखा एक्सप्रेस
पूर्वोत्तर रेलवे के हिस्से एक और एक्सप्रेस ट्रेन आ गई है। 22969/22970 नंबर की ओखा-वाराणसी-ओखा साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस उत्तर रेलवे के वाराणसी के स्थान पर अब पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस स्टेशन से चलाई जाएगी। ओखा-वाराणसी-ओखा साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस ओखा-बनारस-ओखा के नाम से चलेगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार आठ सितंबर को ओखा से प्रस्थान करने वाली 22969 ओखा- वाराणसी साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस बनारस में ही टर्मिनेट हो जाएगी। 22970 वाराणसी-ओखा साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस दस सितंबर से वाराणसी की जगह बनारस से रात 09.45 बजे रवाना होगी। इसके बाद से यह नियमित रूप से बनारस से ही संचालित होगी।
गोरखपुर कैंट-बाराबंकी रूट पर दस टन अधिक माल लेकर चल सकेंगी मालगाड़ियां
पूर्वोत्तर रेलवे के रूट पर ट्रैक (रेल लाइन) क्षमता लगातार बढ़ रही है। गोल्डेनगंज- गोरखपुर कैंट, गोरखपुर कैंट-बाराबंकी, इंदारा-फेफना, रामपुर-लालकुआं, मुरादाबाद-रामनगर, मनकापुर-अयोध्या, गोरखपुर-नकहा जंगल, सीतापुर-खैराबाद, गोंडा-सुभागपुर, शाहगंज-आजमगढ़ और सीवान-हथुआ रेलमार्ग पर मालगाड़ियां दस टन अधिक माल लेकर चल सकेंगी। यानी इन रेलमार्गों की वहन क्षमता बढ़ गई है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार बुढ़वल-सीतापुर, कानपुर अनवरगंज-फर्रूखाबाद, फर्रूखाबाद-कासगंज एवं कासगंज-मथुरा रेलमार्ग को भी उच्च लदान क्षमता रूट के लिए मानक के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसके बाद माल परिवहन में सरलता आएगी। एक ही बार में ज्यादा मात्रा में सामानों की ढुलाई हो सकेगी, जिसका लाभ व्यापारियों को मिलेगा। रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेल यात्रियों एवं माल को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाना रेल की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। राजस्व को बढ़ाने के लिए रेलवे लगातार अपने ट्रैक संरचना में सुधार कर रहा है, जिससे उच्च लदान क्षमता परमाल की ढुलाई की जा सके।