गोरखपुर को बहुत जल्द एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है. इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 500 किलोमीटर होगी, जिसके जरिए पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक दूसरे से जुड़ जाएंगे. यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर-सोनौली फोरलेन पर पीपीगंज-कैम्पियरगंज के बीच से शुरू होगा और संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर समेत 20 से अधिक जिलों से होते हुए शामली पहुंचेगा. यह पूरी तरह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा, यानी इसके लिए नए सिरे से जमीन का अधिग्रहण होगा.
इस प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कंसलटेंट की नियुक्ति कर ली है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे पंजाब-नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है. अंबाला से शामली तक करीब 110 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हो गया है, जो 2024 में पूरा हो जाएगा. वहीं गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेसवे की डीपीआर भी बन रही है. गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह नगर से शुरू होने वाला तीसरा एक्सप्रेसवे होगा.
अभी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण चल रहा है. करीब 40 फीसदी काम पूरा हो गया है. वहीं गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की डीपीआर का काम तेजी से चल रहा है. गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की डीपीआर के लिए नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी इस पर जल्द काम शुरू कर देगी. परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी ने बताया कि डीपीआर बनने के बाद ही प्रोजेक्ट की लागत और रूट के बारे में सही जानकारी मिल पाएगी.
Note: तस्वीर काल्पनिक है।