अब पीजीआई में लिवर, पैंक्रियाज, गॉल ब्लेडर व आंतों के ऑपरेशन रोबोट से होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीरा और दूरबीन विधि वाले ऑपरेशन के मुकाबले रोबोटिक माध्यम से किए गए ऑपरेशन ज्यादा सुरक्षित होगा।
इसमें चीरा छोटा होने से रक्तस्राव और संक्रमण का जोखिम कम होता है। बता दें कि रोबोटिक ऑपरेशन में मरीज को दर्द कम होगा और साथ ही साथ छोटा चीरा लगेगा जिसके बाद वह बहुत कम समय में अस्पताल से अपने घर जा सकेंगे।
पीजीआई निदेशक डॉ. राधाकृष्ण धीमन बताते हैं कि हेपेटोबिलरी से जुड़ी बीमारियों के सभी ऑपरेशन गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टर रोबोट से करेंगे।
उन्होंने कहा कि यहां पहले से ही कई विभाग रोबोटिक सर्जरी कर रहे हैं और उनका सफलता दर अधिक होने के कारण अन्य विभागों में भी और रोबोट से सर्जरी कराने के बारे में सोचा जा रहा है।
दूसरे ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक सर्जरी कुछ महंगी है लेकिन यह सुरक्षित और सफल ज्यादा है। तीन माह में रोबोटे से 70 ऑपरेशन हुए हैं। जबकि अब तक 450 ऑपरेशन हो चुके हैं।
यह ऑपरेशन होंगे-
अब संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में रोबोट से ऑपरेशन होंगे। इसमें लिवर, पैंक्रियाज, गॉल ब्लेडर, आंत, खाने की नली व पेट में ट्यूमर आदि शामिल हैं।
इन विभागों में हो रहे ऑपरेशन
डॉ.धीमन के मुताबिक संस्थान में वर्ष 2019 में रोबोटिक सर्जरी शुरू हुई। इसमें इण्डोक्राइन सर्जरी, यूरोलॉजी और कार्डियक थोरेसिक एण्ड वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) और पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर रोबोट से ऑपरेशन कर रहे हैं। गुर्दे का प्रत्यारोपण भी रोबोट से शुरू हो गया है।