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यूपी मे इस खास तकनीक से बनाई जाएगी सड़के, जानिए कितना होगा मजबूत

अब गन्ना विकास विभाग भी एफडीआर यानी फुल डेप्थ रिक्लेमेशन की राह पर बढ़ चला है। पुरानी सड़कों की सामग्री से नई सड़कें बनाई जाएंगी। अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास विभाग संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि नई तकनीक के प्रयोग से गांवों के संपर्क मार्गों में लगी सामग्री को ही रिसाइकिल कर नई सड़क बनाई जाएगी।

नई तकनीक से कर्म खर्च में बनेंगी मजबूत सड़कें

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सड़कों के पुनर्निर्माण में पत्थर, मौरंग व अन्य खदानों से आने वाली सामग्री की जरूरत नहीं होगी, खर्च में भी कमी आएगी।

रिटगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ग्रुप के प्रतिनिधि चक्रपाणि शेखावत ने अपर मुख्य सचिव के समक्ष गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में नई तकनीक का प्रस्तुतीकरण क‍िया।

उन्‍होंने बताया कि इस प्रक्रिया के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा और सड़कें परंपरागत सड़कों से अधिक मजबूत होंगी।

नई तकनीक से बनने वाली सड़कों में निर्माण में समय भी कम लगेगा। सड़कों का समस्त कार्य मशीनों से होगा इसलिए उनकी गुणवत्ता अच्छी होगी।

इसमें पहले विशेष प्रकार की हाईटेक मशीनें पुरानी सड़कों को खोदेंगी, फिर नए तरीके से खोदाई में मिली सामग्री का प्रयोग कर नई सड़क का निर्माण कार्य शुरू करेंगी।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस तकनीक के दूरगामी व सफल परिणाम सामने आएंगे व इसके प्रयोग से चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करने वाले ग्रामीण इलाकों के किसानों को सहूलियत मिलेगी।

बता दें क‍ि ये सड़कें परंपरागत सड़कों की अपेक्षा जल प्रतिरोधी भी हैं। यहां अपर गन्ना आयुक्त (प्रशासन) डा. रूपेश कुमार, प्रबंध निदेशक उप्र सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड रमाकांत पांडेय, अपर गन्ना आयुक्त (विकास) वीके शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त (समितियां) वीबी सिंह, निर्माण शाखा के कार्यवाहक मुख्य अभियंता अरुण कुमार यादव आदि मौजूद थे।

Note : तस्वीर काल्पनिक है।

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