लखनऊ से कानपुर के बीच बनने वाले एक्सप्रेसवे पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) 30 अक्टूबर से काम शुरू करने जा रहा है। इससे पहले कार्यदायी संस्था की मशीनें और स्टाफ जहां आ गए हैं, वहीं उन्नाव से राजधानी की तरफ ग्रीन फिल्ड पर एक्सप्रेस वे का काम शुरू होगा। करीब 63 किमी. के इस पैच को ढाई साल में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद लखनऊ से कानपुर का सफर 35 मिनट का होगा। वहीं लखनऊ की ओर से एक्सप्रेस वे का काम नवंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा। ढाई साल में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
18 किलोमीटर होगा एलीवेटेड रूट
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ से काम शुरू करने के लिए औपचारिकताएं अन्य विभागों से चल रही हैं। यहां बिजली के खंभों की लाइन शिफ्टिंग, ट्रैफिक डायवर्जन जैसी प्रकियाओं के लिए कागजी कार्रवाई की जा रही है। द्विवेदी के मुताबिक सैनिक स्कूल से पहले एलीवेटेड रूट बनी तक शुरू होगा। यह करीब 18 किमी. होगा। इसके बाद ग्रीन फील्ड करीब 45 किमी. का होगा। इस ग्रीन फिल्ड से पुरवा, अचलगंज, लालगंज को जाने वाले मार्ग को भी कनेक्ट किया जाएगा।
एनई-छह को जगह-जगह रैंप के जरिए कनेक्ट किया जाएगा। उद्देश्य होगा कि अधिक से अधिक लोग एक्सप्रेस का लाभ उठा सके। यही नहीं एलीवेटेड रोड पर टोल की अलग व्यवस्था होगी और ग्रीन फिल्ड पर अलग होगी। कुल मिलाकर ग्रीन फिल्ड से कनेक्ट होने वाले क्षेत्रों के लोगों को एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल करने पर टोल देना होगा। प्राधिकरण के अफसर एक्सप्रेस वे का काम दो माह के भीतर कार्यदायी संस्था द्वारा दोनों छोर से शुरू हो जाएगा। एक साल के भीतर चालीस फीसद से अधिक काम करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2025 के मध्य तक इस लक्ष्य को पूरा करने का समय निर्धारित किया गया है।
कानपुर का पुराना मार्ग चलता रहेगा
कानपुर से लखनऊ और लखनऊ से कानपुर जाने के लिए वर्तमान रूट भी पहले की तरह चलता रहेगा। कुल मिलाकर लोगों के सामने कानपुर व लखनऊ जाने के लिए दो विकल्प होंगे। दो रूट हो जाने के बाद ट्रैफिक भी विभाजित हो जाएगा और जाम की समस्या करीब करीब खत्म हो जाएगी और वाहनों की गति भी बढ़ेगी।
Note : तस्वीर काल्पनिक है।