वैसे तो सियासत में आने के लिए नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन आज भी लखनऊ की एक चौथाई जनता को शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है। हर चुनाव में सड़क, पानी, सफाई के मुद्दे पर नेताओें ने इन इलाकों से वोट भी बटोरे हैं। नौबत ये है कि इन क्षेत्रों में जलकल विभाग की पाइपलाइन ही नहीं पड़ पाई हैं। न नलकूप लगे हैं और न ही वॉटर वर्क्स बना है। क्या आज यह बड़ी संख्या में आबादी पीने के पानी की समस्या से जूझ रही है। जलकल विभाग ने 2025 तक हर घर में पानी पहुंचाने की योजना बनाई है।
राजधानी लखनऊ की बड़ी संख्या की आबादी को पीने के पानी के संकट से गुजरना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी तो गर्मी के दिनों में आती है। गर्मी के दिनों में पीने के पानी की समस्या काफी ज्यादा होने लगती है। आपको बता दें कि राजधानी की कई ऐसी जगह है जहां जलकल विभाग की अभी तक पहुंच भी नहीं है। यहां लोग आज भी हैंडपंप के द्वारा अपनी प्यास बुझाते हैं।
30 साल से अधिक का समय बीत गया नेता यहां हमेशा शुद्ध पानी देने का वादा करते हैं और जैसे ही चुनाव जीते हैं नेता वह वादा भूल जाते हैं।
राजधानी में 2 वॉटर वर्क्स की जरूरत है। जलकल विभाग ने प्रस्ताव भी तैयार कर रखा है। इनके बनाने से 10 लाख तक शुद्ध पानी पहुंच सकेगा। विभाग ने अलीगंज, जानकीपुरम, फैजुल्लागंज, सीतापुर रोड से वसंतकुंज तक पानी की सप्लाई के लिए घैला में एक जलकल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
राजधानी लखनऊ के कई ऐसे मोहल्ले और कॉलोनी है जहां के लोग पानी की समस्या से जूझते हैं और जैसे ही गर्मी का समय आता है लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है।