लखनऊ में एक ऐसी अनोखी गोशाला है जहां गाय माता को जानवर बोलने पर प्रतिबंध है। यहां गौ माता के बैठने के लिए मैट बनाया गया है और उनके मालिश के लिए स्पेशल मशीनें लगाई गई है।

गोसाईगंज क्षेत्र के टिकरिया पहाडऩगर गांव में विनोद कृपा गिर गोशाला की स्थापना 2019 में जन्माष्टमी के दिन हुई। यहां गुजरात से 34 गाय व 24 बछिया लाई गई थीं। आज परिवार बढ़कर 144 हो चुका है, जिसमें 94 गाय व अन्य सदस्य हैं। यहां प्रतिदिन 150 लीटर दूध होता है, जिसे वैन से शहर भेजा जाता है। यहां काम करने वाले तेरा सेवकों को रोज आधा आधा लिटर दूध दिया जाता है।

आपको बता दें कि 3 बीघा जमीन में गौ माता के लिए हरा चारा बोया जाता है। इस गौशाला में जो भी व्यक्ति आता है वह गौ माता के लिए हरा चारा गुड़ और चना लेकर आता है। अगर कोई भी व्यक्ति गौमाता को जानवर बोलता है तो उसे तुरंत रोका जाता है और पूछा जाता है कि माता जानवर कैसे हो सकती है।

पिता से मिली प्रेरणा : पहाडऩगर टिकरिया गांव के रहने वाले विशाल द्विवेदी को गोसेवा की प्रेरणा अपने पिता कृपा शंकर द्विवेदी से मिली। उनके पिता तो अब नहीं है लेकिन वह अपने पिता से मिली प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इन गायों को खिलाने के लिए कई तरह के औषधियां भी लगाई जाती है। गायों की सेवा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

आपको बता दें कि यहां रहने वाली सभी गौ माता की सेवा की जाती है। गौ माता के भोजन में भी विशेष तरह के सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। गौमाता को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इस बात का विशेष ख्याल रखा जाता है।