उत्तर प्रदेश में हाथियों के संरक्षण के लिए सरकार के द्वारा एक बड़ा कदम उठाया जाने वाला है। बता दे कि देश में दिन पर दिन हाथियों की संख्या कम होती जा रही है जिसको देखकर अब सरकार चिंतित है। सरकार का लक्ष्य है कि हाथियों का अधिक से अधिक संरक्षण किया जाए। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश में एक एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
यह एलीफैंट कॉरिडोर नेपाल के शुक्लाफांटा से दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व तक बनाया जाएगा। एलीफैंट कॉरिडोर बनाने के पीछे मुख्य वजह यह है कि, पीलीभीत के लग्गा-भग्गा तक विचरण करने वाले हाथियों को सीधा रास्ता मिल सके। और साथ ही साथ हाथियों का संरक्षण हो सके
आपको बता दें कि भारत में अब बस 27000 हाथी ही बचे हुए हैं।आपको बता दें कि साल 2018 में नेपाल और भारत के बीच साथियों को संरक्षण को लेकर एक मंथन हुआ था लेकिन नेपाल में आगे कोई कदम नहीं उठाया। लेकिन अब भारत में डाटा उठाया है कि हाथियों का संरक्षण किया जाएगा।
दुधवा टाइगर रिजर्व के तत्कालीन निदेशक रमेश पांडेय ने हाथियों के रास्ते को लेकर एक रिपोर्ट नेपाल प्रशासन के समक्ष रखी। रिपोर्ट की गंभीरता पर हामी भरने के बाद भी नेपाल ने इस ओर कोई कदम नहीं बढ़ाया।
नेपाल ने साथ नहीं दिया तो भारत ने बढ़ाया कदम-
काफी इंंतजार के बाद अब वन विभाग ने तराई आर्कलैंड प्रोजेक्ट के तहत खुद ही इस पर काम शुरू कर दिया है। अफसरों ने बताया कि नेपाली हाथी मजबूरी में भारत का रुख करते हैं। इसलिए अब हाथियों के संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम उठाया जाएगा और हाथियों को बचाने के लिए भारत सरकार हर तरह से प्रयास करेगी। एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू कर दिया जाएगा। एलीफेंट कॉरीडोर बनाने से उत्तर प्रदेश सरकार का राजस्व बढ़ेगा और साथ ही साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।