अभी के समय में लोग सेकंड ओ में ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं। ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा होने से लोगों को काफी आसानी होने लगी है और वह कहीं भी पेमेंट ऑनलाइन के माध्यम से तेजी से कर लेते हैं।
लेकिन जितना तेजी से ऑनलाइन पेमेंट होता है उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है जिसको रोकने के लिए आरबीआई ने पूरी तैयारी कर ली है।
आरबीआई ने कुछ दिन पहले ही सभी बैंकों और पेमेंट एग्रीगेटर्स को आदेश दिया था कि ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए हर बार कार्ड की डिटेल देने होगी, जिसके बाद ही ऑनलाइन खरीदारी या ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। बता दें कि आरबीआई के आदेशों के बाद मरचेंट्स 1 जुलाई से ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल्स को सेव नहीं करेगा।
अब हर पेमेंट से पहले देने होगी जानकारी-
अब ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद भी आपकी जानकारी सिर्फ आप तक रहेगी। अभी तक पेमेंट एग्रीगेटर्स, पेमेंट गेटवेज और मर्चेंट्स अपने प्लेटफॉर्म पर कस्टमर के कार्ड की डिटेल्स स्टोर करते थे, लेकिन 1 जुलाई से हर खरीदारी पर आपको अपने कार्ड का 16 डिजिट का नंबर, एक्सपायरी डेट और कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) डालना होगा।
आरबीआई का मानना है कि इस नियम के लागू होने के बाद कुछ हद तक फ्रॉड कम हो जाएगा। आरबीआई पहले दो बार इस नियम को लागू करने की डेडलाइन बढ़ा चुका है। आखिरी बार उसने 23 दिसंबर को यह डेडलाइन 6 माह के लिए बढ़ाई थी। अब 1 जुलाई से लागू करने की बात सामने आई है।