Gorakhpur के गोदघोइया नाले से गोरखपुर के लगभग आधे से ज्यादा आबादी के घरों की पानी आ निकलती है। अब सरकार करोड़ों रुपए खर्च करके इस नाले के सुंदरीकरण करने वाली है और साथ ही साथ इसके आसपास के अवैध कब्जे को खाली कराने वाली है।

आपको बता दें कि नगर निगम के अधिकारी और गोरखपुर के डीएम के द्वारा इस नाले का निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण करने के बाद नगर निगम ने पोकलेन बनाई है और बहुत ही जल्द इस नाले की खुदाई शुरू कर दी जाएगी।

दस क‍िलोमीटर लंबा है नाला

बता दें कि यह नाला करीब दस किलोमीटर लंबा है और इस नाले को 20 मीटर तक चौड़ा बनाया जाएगा और इसके दोनों ओर 10-10 मीटर चौड़ी सड़क भी बनाई जाएगी। नाले के दोनों तरफ के दीवारों को ऊंची की जाएगी और जाली लगाया जाएगा। बता दे किसके दोनों तरफ रिवरफ्रंट बनाने की तैयारी की जा रही है।

नाले के आसपास अवैध जमीन अधिग्रहित करके जिन लोगों ने मकान बनाया है उनका मकान तोड़वाया जाएगा। इसके साथ ही साथ नाले के आसपास कई तरह की व्यवस्था की जाएगी जिससे कि यहां पर पर्यटन स्थल जैसी सुविधाएं मुहैया हो सके।

डीएम और नगर आयुक्‍त ने क‍िया मौका मुआयना

डीएम और नगर आयुक्त ने वार्ड नंबर 18 जंगल तुलसीराम पूर्वी का निरीक्षण कर नाला पर अतिक्रमण देखा। कई जगहों पर नाला का अस्तित्व ही नहीं मिला। नगर आयुक्त ने काफी देर रुककर अपने सामने नाले से जलकुंभी निकलवाई।इस दौरान अपर नगर आयुक्त आरबी सिंह, उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त डा. मणिभूषण तिवारी, अविनाश प्रताप सिंह, मुख्य अभियंता सुरेश चंद, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी, अखिलेश श्रीवास्तव, सुनील सिंह आदि मौजूद रहे।

डीएम को दी जानकारी

नगर आयुक्त ने नाले की खोदाई और सफाई की पूरी जानकारी डीएम को दी। बताया कि बाहर के जिलों से मंगाई गई पोकलेन से आरकेबीके के पास, झरना टोला स्थित रेलवे पुलिया व वार्ड नंबर 18 बिछिया पुलिया के पास से नाला सफाई तथा चौड़ीकरण का कार्य कराया जाएगा। डीएम ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण से दो पोकलेन लेने को कहा। साथ ही नाले में लगी जाल को हटाने को कहा।