कई बार जब हम कोई काम शुरू करते हैं तो लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं लेकिन उस समय कई लोग ऐसे होते हैं जो लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं और अपनी कामयाबी की कहानी लिख डालते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने वाले है।
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल में रहने वाले एक शख्स ने अपनी अच्छी खासी सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़कर गधों का फार्म खोल लिया। जब उन्होंने गधे पढ़ने के बारे में सोचा तक लोगों ने उनका खूब मजाक उड़ाया लेकिन उन्होंने लोगों की बातों को अनसुनी कर दी।
कर्नाटक के रहने वाले श्रीनिवास गौड़ ने जब गधे के फार्म का विचार उन्होंने अपने दोस्तों के साथ शेयर किया तो उनका मजाक उड़ाया गया। श्रीनिवास ने किसी की बात नहीं सुनी और अपने दिल की बात सुनकर अपना बिजनेस शुरू कर दिया।
42 वर्षीय श्रीनिवास ने बताया कि उन्हें महसूस हुआ कि गधे ऐसे जानवर है जिनको काफी दुर्दशा का समना करना पड़ रहा है और उसे कम आंका जाता है इसलिए उन्होंने गधों का एक फार्म शुरू करने की सोची। ग्रैजुएशन तक पढ़ाई कर चुके श्रीवास गौड़ा पहले सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करते थे। बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 2020 में उन्होंने 2.3 एकड़ जमीन में गधे पालने का बिजनेस शुरू कर दिया।
आपको जानकर हैरानी होगी की श्रीनिवास द्वारा कर्नाटक में गधे पालने वाला ये पहला फार्म है, जबकि देश में दूसरा। इससे पहले केरल के एर्नाकुलम ज़िले में गधे पालने के लिए एक फार्म खोला गया था।
श्रीनिवास के फार्म में 20 गधे हैं। उनका कहना है कि गधों की प्रजातियों की संख्या घट रही है क्योंकि अब धोबियों द्वारा कपड़े धोने की मशीन और लिनन धोने के लिए अन्य तकनीक के आ जाने के बाद उनका उपयोग नहीं किया जाता है। और इनकी मांग भी कम होती जा रही है। 2012 में जहां गधों की संख्या 3,60,000 थी वहीं 2017 में ये घटकर 1,27,000 रह गई है।
वहीं श्रीनिवास ने गधे पालने के साथ-साथ गधी का दूध भी बेचने लगे। श्रीनिवास ने बताया कि गधे का दूध स्वादिष्ट, औषधीय महत्व का और बहुत महंगा होता है। बता दें कि गधी के दूध का खूब ज्यादा कीमत मिलता है और इसके कारण श्रीनिवास आज अपना बिजनेस काफी अच्छे से चलाने लगे है।